दोस्तों प्यार इंसान को जीते जी मौत से मुलाक़ात करा देता है by: kp bodigama bada
ये कहानी डुंगरपुर की लड़की मनीषा और राकेश की है मनीषा बचपन से होनहार और सुनील लड़की थी क्लास मे सबसे होसियार लड़की थी वो कहते है ना समय ख़राब हो तो इंसान से वो काम हो जाता है जो वो कभी करना ही नहीं चाहतामनीषा से कभी दोस्तों के बॉयफ्रेंड थे और उसकी क्लास मे एक लड़का था जो मनीषा को पसंद करता था और ये बात मनीषा भी जानती थी
एक दिन राकेश ने मौका देककर मनीषा को बोल दिया मनीषा उसे मना नही बोल पाई तो उससे हा बोल दिया
गलती यही से सुरु हुई वो अपनी पसन्द को मोहब्बत समझ लिया
दिन गुजरे, समय बिता मोहब्बत गहरी समझ कर एक दूसरे पर मरने लगे
राकेश और मनीषा की सगाई पहले से हो चुकी चुकी थी
ये बात वो दोनों ही जानते थे
दिन गुजरते रहे दो साल हो चुके थे उसने रिश्ते के,
राकेश मुंबई मे रहने लगा था वह वही नौकरी करने लगा था मनीषा उसके प्यार मे इतंनी पागल हो गई थी की वो उसके लिए कुछ भी कर सकती थी यहां तक की अपने परिवार को छोड़ने को तैयार हो गई थी
मनीषा की शादी की तारिक नजदीक आ गई थी
राकेश और मनीषा ने शादी से पहले भागने को निचित किया
मनीषा के घर पर ख़ुशी का महोल था शादी की सभी तैयारी हो चुकी थी
राकेश ने मुंबई मे सभी तैयारी कर ली थी और शादी के अगले दिन मनीषा मौका देख कर घर से भाग निकली और मुंबई चली गई
मनीषा के घर वाले परेशान होने लगे उसे ढूढ़ने की कभी कोशिस कर चुके थे लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला और मनीषा ने घर वालो ने उसके वापस आने की सारी उम्मीद खो चुके थे
राकेश की घर वालों घर वालों को कुछ पता नही था राकेश ने किसी और शादी कर ली थी और नौकरी के बहाने वो मुंबई मे रहा था
मनीषा और राकेश मुंबई मे एक साल के ज्यादा समय हो चूका था मनीषा पेट से हुई मनीषा रुम पर रहती राकेश नौकरी पर जाता
मनीषा ने लड़की को जन्म दिया
राकेश के आलावा कोई कुछ भी नही जानता था
एक बार फिर मनीषा पेट से हुई और एक और बार एक लड़की को जन्म दिया
राकेश को दो घर एक साथ चलाने मे दिक्कत होने लगी राकेश गांव भी आता था कभी कभी और उसकी गांव वाली पत्नी का एक बेटा हुआ
राकेश की मुंबई मे नौकरी चली गई घर चलाने मे दिक्कत ज्यादा बढ़ गई पैसा ख़त्म होने लगा
राकेश और मनीषा का छोटी छोटी बातो पर झगड़ा होने लगा
राकेश कभी कभी-कभी गांव भी आता रहता था जिससे किसीको भी पता नहीं चला की मनीषा उसके साथ है
मनीषा और राकेश के हालत बिगड़ने लगे
नौकरी नहीं रही, पैसे ख़त्म हो गए
राकेश परेशान हो गया उसने एक योजना बनाई मनीषा से धंदा कराया जाये
पैसा भी बहुत मिलेगा इस लालच मे राकेश ने मनीषा को मजबूर कर दिया मनीषा ने मजबूर होकर ये करना सुरु किया पैसे की लालच मे मनीषा को भजारु ओरत,रंडीबाज बनाया
दिन बीते पैसे आने लगे फिर मनीषा पेट से वापिस हुई पैसे आना फिर बंद हो गए घर चलना मुश्किल हो गया
मनीषा ने अपनी तीसरी बेटी को जन्म दिया
राकेश समझ गया की अब कुछ नहीं हो सकता
मौका देककर राकेश मनीषा और उसकी तीन बेटीये को छोड़कर गांव आ गया
मनीषा को अब लग गया था की राकेश कभी वापिस नहीं आएगा
मनीषा गांव भी नहीं आ सकती थी किसी को क्या मुह दिखाती अपनी तीन बेटियों के साथ उसने वही रहने का सोचा पर पैसा नहीं रहा उसके पास
मकान मालकिन ने किराया नहीं देने उसे घर से निकाल दिया
बिलकुल भी पैसा नही था उसके पास दिन भर इदर-उदर घूमती रही कही काम नहीं मिला दिन-रात सड़क पर बिताई बिना खाये-पिए
अब उसके पास भीख मागने के आलावा कोई और चारा ही नहीं रहा अगले दिन वह और उसकी तीन बेटियो ने भीख मांगना शुरू किया दिन रात गुजारनी मुश्किल हो गई
दिन भर भीख मांगते रात को फुटफाट पर गुजारते
कभी खाना मिलता तो कभी भूखे पेट सोना पड़ता
ना सर पर साया मोहब्बत मे मनीषा की जिंदगी पूरी उसी फुलफात पर गुजरी बेटियां को भी उसी की तरह रंडीबाज बनना पड़ा
राकेश गांव मे अपने परिवार के साथ उसने अपनी जिंदगी बिताई
मोहब्बत झूठी हो हो इंसान को जीते जी मौत से मुलाक़ात करा देती है
भरोशा खुद के आलावा किसी पर मत करो
और उम्मीद खुद के आलावा की पर मत रखो
Very hurt touching story
Very sad moment in love
Love is blind
Love is hurt touching
Love is life
By Kailash Patel bodigama bada
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